पठान vs तुर्क- संभल हिंसा में नया एंगल, वर्चस्व की लड़ाई में हुई हिंसा और आगजनी?

Sambhal Violence Latest Update: उत्तर प्रदेश के संभल में 2 दिन पहले हुई हिंसा में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. एफआईआर (FIR) से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिसवालों से नकाबपोश भीड़ ने पिस्टल छीनने की कोशिश की थी. जब वो इसमें कामयाब नहीं हो सके तो पुलिसव

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Sambhal Violence Latest Update: उत्तर प्रदेश के संभल में 2 दिन पहले हुई हिंसा में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. एफआईआर (FIR) से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिसवालों से नकाबपोश भीड़ ने पिस्टल छीनने की कोशिश की थी. जब वो इसमें कामयाब नहीं हो सके तो पुलिसवालों की 10 राउंड 9 MM की मैगजीन भी लूट ली. यही नहीं, हिंसक भीड़ ने CCTV कैमरे तोड़े, ताकि उनके खिलाफ सबूत रिकॉर्ड न हो पाए. FIR में इस बात का भी जिक्र है कि भीड़ ने हॉकी स्टिक, डंडों और पत्थरों से पुलिस पर जान से मारने की नियत से हमला करना शुरू कर दिया था और पुलिसवालों की गाड़ियों में आग लगा दी गई थी. भीड़ के हमले में कई पुलिसवाले घायल हो गए थे.

तुर्क और पठान के बीच वर्चस्व की लड़ाई

संभल हिंसा पर सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है. कहा जा रहा है कि यहां पर तुर्क और पठान के बीच वर्चस्व की लड़ाई हुई. संभल में हिंसा के भड़कने के बाद पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है. दरअसल, संभल के सांसद जिया उर रहमान बर्क तुर्क हैं और यहां के विधायक इकबाल महमूद पठान हैं. अब सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है.

यूपी सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता नितिन अग्रवाल ने पठान vs तुर्क की लड़ाई को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'संभल की आगजनी और हिंसा वर्चस्व की राजनीति का नतीजा है. तुर्क-पठान विवाद ने न केवल शांति भंग की, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए. उत्तर प्रदेश पुलिस की तत्परता सराहनीय है.'

संभल की आगजनी और हिंसा वर्चस्व की राजनीति का नतीजा है। तुर्क-पठान विवाद ने न केवल शांति भंग की, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए। यूपी पुलिस की तत्परता सराहनीय है। #सपा_प्रायोजित_हिंसा

— Nitin Agarwal (मोदी का परिवार) (@nitinagarwal_n) November 25, 2024

पुलिस की गोली से नहीं हुई युवकों की मौत

इसके साथ ही संभल में मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से जुड़ी बड़ी खबर भी आई है. सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि किसी भी युवक की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है. सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम में मृतकों के शरीर से कोई बुलेट रिकवर नहीं हुई है यानी इस बात का अंदेशा है कि गोली सीने को चीरते हुए पीठ से पार हो गई. चूकि, बुलेट रिकवर नहीं हुई है, इसलिए ये पता लगाना मुश्किल है कि किस गन से गोली चली. संभल हिंसा में मरने वाले 3 युवकों को सीने में गोली लगी थी.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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